
My rating: 5 of 5 stars
Hmmm. Kafi samay ke bad ek achchi story padhi. Orr aisa laga ki kisi ne mera dil nichod ke rakkh diya ho.
"कभी कभी इंसान एक चीज़ से इसलिए भी बंध जाता है क्यूँकि उसके पास बदलने के लिए दूसरा विकल्प होता ही नहीं।"
"लेकिन कितना अजीब है कि हम लोगों से ख़ुशियों के बजाय दुःख में ज़्यादा पास आते हैं। मुस्कुरहटों से ज़्यादा आँसू हमें अपने दिल का हाल बोलने पर मजबूर करते हैं। और अपने सारे रिश्तों को छोड़ कर, अपने सारे सच भी हम उन अजनबियों के सामने खोल देतें हैं, जिनसे हमारा कोई वास्ता नहीं होता। शायद इंसान सिर्फ़ दिखते ही अलग हैं, अंदर से सब एक जैसे होते हैं। "
I am wondering why Neeli was so stupid and lived in some dreams but thats how emotions make you look sometime. But the good end made me feel good about the story.
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